Past Life

Past Life Post 1   

This post is in both Hindi and English

ईयर........ पता नहीं डेट. ..... पता नहीं क्योंकि मैं काफी छोटा था |  जो याद है| वो आप सब लोगो से  साझा करना चाहता हूँ |  मैं अपनी पास्ट लाइफ के बारे में जैसे की मैं बता रहा  था | कि डेट ईयर का कुछ पता नहीं है |  वैसे भी कौन याद रखता है|  यहाँ पर आज क्या डेट है| ये तो याद नहीं रहती  तो  मुझे आज से लगभग 14  से 15  साल पहले की डेट कैसे याद रहेगी |

फिर भी चलो कोई बात नहीं जितना याद है, मुझे उतना ही मैं आप सब लोगो से शेयर करता हूँ |  जैसे कि  मैं  सुबह उठा ऐसा नहीं है कि आज ही उठा रोज उठता था |  फिर भी उस समय आँखे खुलते ही एक बात याद आती थी | कि किसी तरह स्कूल मे आज छुट्टी हो जाए उस समय दुनिया के सरे भगवान याद  कर लेते थे | उसमे से एक आधे भगवान  को हम खुद बना लेते थे | 

उस दिन भी वही हुआ ऐसा नहीं है कि उसी दिन हुआ ये रोज होता था | जैसे की हम सब लोग जानते है  उसके बाद  क्या होता है , फिर एक आवाज आती है  ऐसा नहीं है आज ही आई थी ये भी आवाज रोज आती थी, जैसकी आप सब लोगो को पता है  वो आवाज किसकी होती है , वो आवाज हमारी मम्मियों की होती है|  अमन उठ जाओ स्कूल नहीं जाना है ,अब आवाज तो सुनली की मम्मी ने उठने के लिए बोला है |  

मैं तो उस समय भगवान  से कहा रहा था कि भगवान छुट्टी  हो जाये स्कूल मे जाना नहीं पड़ेगा |  फिर जब तक ये सोचा रहा था  कि मम्मी आई और उठाया बोला जल्दी बाथरूम जाओ नाहा कर आओ और  जल्दी रेडी हो अगर बॉस छूटी बहुत मार खाओगे फिर क्या नहा धो कर आता था  मम्मी जल्दी से कोई कपड़ा उठाति थी जल्दी जल्दी सारा शरीर का पानी पोछने लगती थी क्युकि मम्मी उस समय खाना भी बना रही  थी और फिर जल्दी जल्दी पैंट शर्ट पहनाय आँखो मे कजल और  नजर न लगे उसके लिए थू थू करती थी |

 अब मैं रेडी हो गया था स्कूल जाने के लिए उस समय लगता था कि भगवन है कि नहीं  इतनी प्रार्थना करने के बाउजूद भी स्कूल जाना पड़ा ऐसा नहीं की ये उसी दिन था ये भी  रोज का था अब क्या मम्मी खाना बना रही थी मै सोचा रहा था कि  स्कूल जाने पड़ेगा उसके बाद एन्टेरी होती है पापा की जल्दी तैयार करो बस आने वाली है |

 तो क्या मम्मी जल्दी से खाना लंच बॉक्स मे पैक करती थी बैग मे रख देती थी।  मम्मी बोलती थी जल्दी जाओ बस आने वाली है नहीं तो बस छूट जायेगी पापा मुझे ले कर जाते थे बस स्टैंड पर |  अब न मुझे  जल्दी शब्द से नफरत हो गई थी तो क्या जहाँ  बस आती थी  वह पहुँच जाते है , फिर एक बार भगवान  या एन्ट्री लेते थे  किसी तारा भगवान बस न आये अब क्या था भगवान हमारी सुनते ही कब थे  फिर क्या था जो होना था वही हुआ बस आ गई मुझे रोने दो हमना जएबे स्कूल पापा | पापा ने  जबर जस्ती बस मे बैठा दिया | .....  इसके आगे दूसरी पोस्ट में  


In English



Year....... don't know the date. ..... don't know because I was very young. Who remembers I want to share that with you all. As I was talking about my past life. that date year is not known. Anyway, who remembers what date is here today. If I don't remember this, then how will I remember the date about 14 to 15 years ago from today. Still, come on, no matter how much I remember, I share it with all of you. As if I woke up in the morning, it is not as if I woke up today and used to get up every day. Yet at that time only one thing was remembered as soon as I opened my eyes. That somehow the school gets a holiday today, at that time all the Gods of the world used to remember. We used to make one half of that God ourselves. The same thing happened on that day, it is not that it happened on the same day, it used to happen every day. As we all know what happens after that, that a voice comes again, it is not like today that this voice used to come every day, as you all know whose voice is that voice, that voice Our moms have Get up Aman, do not have to go to school, now the voice of Sunali's mother has asked to get up. I was telling God at that time that God should leave the school, then till the time, I was thinking that mother came and picked up and said, go to the bathroom soon, come, take a bath and be ready soon, if the boss has missed a lot, then what will happen after taking a bath. It used to come that mom used to pick up some clothes very quickly because mommy was cooking food at that time and then soon she wore a pants shirt and used to spit on her eyes so that she couldn't see, now I'm ready.  It was done to go to school, at that time it seemed that God is there or not, even after praying so much, I had to go to school, not that it was the same day, it was every day, now what mother was cooking, I was thinking about going to school After that, there is an entry, prepare Papa's hurry, the bus is about to come. So did mom quickly pack the food in the lunch box and keep it in the bag. Mom used to say go early, the bus is about to come, otherwise, the bus will be missed, Papa used to take me to the bus stand. Now I did not hate the word early, so do they reach where the bus used to come, then once the gardener used to take an entry or the gardener used to take no star bus, now what was the gardener when he listened to us, then what was it to be That's what happened, the bus has come, let me cry Humna jaebe school, Papa forcibly made me sit in the galvanized bus. .....

Next to this in the second post.........


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